दृष्टिहीन कलाकारों के जीवन पर आधारित फिल्म 'असली कलाकार' अतिशीघ्र प्रदर्शित

भुनेश साहू की डेब्यू मूवी 'असली कलाकार' दिसंबर में रिलीज होगी





  • फिल्मा का नाम -  असली कलाकार 
  • प्रोडक्सन कंपनी -  सत्या फिल्म क्रियेशन
  • निर्माता -  अखिलेश मिश्रा
  • निर्देशक -  नीरज श्रीवास्तव
  • कहानी व पटकथा - भुनेश साहू
  • संगीत -  सुनील सोनी
  • संपादन -  गौरांश
  • गीत - भुनेश साहू, चंद्रप्रकाश
  • पार्श्व स्वर - सुनील सोनी, मुनमुन, शर्मिला, मोनिका
  • छायांकन -  देव मोइत्रा 
  • कोरियोग्राफर -  निशांत उपाध्याय
  • कलाकार -  भुनेश साहू, आस्था दयाल, रजनीश झांझी, उपासना वैष्णव, उर्वशी साहू, राजू पांडे, संतोष निषाद, विजेता मिश्रा, महावीर सिंह चौहान, निशा चौबे, विनायक अग्रवाल, मनोज खांडे, जतिन कुमार, दिलीप कौशिक, रमन चतुर्वेदी 



फीचर डेस्क रायपुर। सत्या फिल्म क्रियेशन के बैनर तले निर्मित छत्तीसगढ़ी फिल्म 'असली कलाकार' इस वर्ष के अंत में प्रर्दशित होने वाली है। फिल्म की प्रोडक्शन टीम द्वारा रिलीज के तारीख की घोषणा करने के बाद से ही सोशल मीडिया में लगातार गानों व प्रोमो वीडियो अपलोड किया जा रहा है। फिल्म असली कलाकार को निर्देशित किया है नीरज श्रीवास्तव ने तथा निर्माता अखिलेश मिश्रा हैं। प्रमोटर से प्राप्त जानकारी के अनुसार यह फिल्म दृष्टिहीन कलाकारों के जीवन पर आधारित है जिसे लिखे हैं भुनेश साहू ने जो कि इस फिल्म से बतौर नायक के रूप में डेब्यू करने जा रहे है। पटकथा और संवाद के अलावा भुनेश साहू ने गीत भी लिखे है जो कि सोशल मीडिया में इन दिनों खूब चर्चा में है। 




फिल्म के आधिकारी ट्रेलर को देखकर तो ऐसा जान पड़ता है कि यह मध्यम बजट फिल्म है लेकिन कहानी बहुत ही दमदार है। बहुत दिनों बाद छालीवुड़ में इस तरह का एकदम नया थीम आया है। फिल्म शुरू होती है नायक-नायिक यानी भुनेश साहू और आस्थ दायल के प्रेम कहानी से। भुनेश और आस्था एक दूजे को बेहद प्यार करते है, घर वाले भी रजामंद है। लेकिन भुनेश का सपना कुछ और था। वह एक संगीत स्टूडियों खोलना चाहता था। अपने सपनों को पुरा करने के लिये फिल्म का नायक पैसों के लिये काफी संघर्ष करता है और लोगों से कुछ उधार लेकर काम शुरू करता है।




फिल्म में नायक और नायिक के प्रेम के साथ एक और मार्मिक कहानी भी है रजनीश झांझी और उपासना वैष्णव की। रजनीश और उपासना के चार पुत्र थे। चारों जन्मांध थे। इस बात पर दोनों में अक्सर बहश होती थी कि एक अच्छा औलाद नहीं दे सकती। इसी बीच एक दूसरी औरत के बहकावे में आकर रजनीश एक अप्रिय घटना को अंजाम देता है। 




आगे चलकर फिल्म की दोनो स्टोरी एक दूसरे से मिलता है। संषर्घ करते हुये नायक के साथ सड़कों पर ठोकर खाते हुये जन्मांध कलाकारों से मुलाकात होती है। जन्मांध चारों भाई बहुमुखी प्रतिभाशाली कलाकार थे। नायक के द्वारा उन्हे गायन का अवसर प्रदान किया जाता है। उनका गाना खूब लोकप्रिय होता है जिससे नाम, शोहरत के साथ-साथ दौलत भी खूब मिलती है। लेकिन अचानक नायक के मन में पाप आ जाता है और फिल्म की कहानी का दुखत अंत होता है। यह सोचने वाली बात है फिल्म सुखद घटना को लेकर गढ़ी गई है लेकिन अंत दुखत क्यो होता है? कारण जानने के लिये अब फिल्म के रिलीज होने की प्रतिक्षा करनी होगी। फिलहाल यह मूवी काफी अच्छी है छत्तीसगढ़ के संदर्भ में क्योकि यहां कलाकारों की दशा-दिशा कुछ ठीक नहीं है। कलाकारों की आड़ में कोई और पैसा कमा रहा है और असली कलाकार भूखमरी का जीवन जीने को मजबूर है। इस तरह से यह फिल्म समाज में नया संदेश भी रखता है कि आज लोक कलाकारों की ऐसी स्थिति क्यों है और इसके लिये जिम्मेदार कौन लोग है?



अब इस फिल्म के गीतों की बात करे तो काफी मधुर संगीत से सुनील सोनी ने सवांरा है। गीत जुबान पर चड़ने वाली है, प्रेम गीत, कर्मा गीत और स्टेज में गाये असली कलाकारों के गीतों में काफी अच्छा शब्द संयोजन है। फिल्म में अहम किरदार में है भुनेश साहू, आस्था दयाल, रजनीश झांझी, उपासना वैष्णव, उर्वशी साहू, राजू पांडे, संतोष निषाद, विजेता मिश्रा, महावीर सिंह चौहान, निशा चौबे, विनायक अग्रवाल, मनोज खांडे, जतिन कुमार, दिलीप कौशिक और रमन चतुर्वेदी आदि।

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