विविध। इन दिनों छत्तीसगढ़ से एक कलाकारों का दल असम गया हुआ है। जिसमें 50 से अधिक लोक कलाकार व छत्तीसगढ़ी फिल्म के कलाकार शामिल है। बताया जा रहा है कि ये कलाकार असम में लगभग 150 सालों से बसे छत्तीसगढि़यों की बीच पहुंचे है। वे लोग छत्तीसगढ़ में अकाल पड़ने पर असम की चाय बागानों में काम करने गये थे, और वहीं बस गये। आज उनकी आबादी लगभग डेढ़ लाख के आसपास बताई जा रही है। यानी असम में भी एक मिनी छत्तीसगढ़ है, जो सरकार बनाने में अहम भूमिका अदा करते हैं।
असम में बसे छत्तीसगढ़वासियों का अपनी धरती से फिर संवाद बना, रोटी-बेटी का नाता जुड़ने लगा है। ऐसे में अब सरकार भी अब पीछे नहीं रहना चाहती है। प्रदेश सरकार के मुखिया इन दिनों असम की चुनावी दौरे पर है। वे छत्तीसगढ़ की कला संस्कृति को बखूबी समझते है और शायद यही वजह है कि यहां से एक कलाकारों का दल भेजा गया है जिसमें नामचीन लोक कलाकारों के साथ सिने कलाकार भी शामिल है।
कलाकारों के दल का अगवानी कर रहे हैं छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के सांस्कृ़तिक प्रकोष्ठ के प्रमुख व लोकप्रिय जस भजन गायक दिलीप षडंगी व प्रशांत ठाकुर। इस दल में राकेश तिवारी, रेखादेवी जलक्षत्रि, महेश वर्मा, राजेन्द्र साहू, मनीष लदेर, हेमलाल पटेल, रोहित साहू व गरिमा दिवाकर एवं स्वर्णा दिवाकर के अलावा सीमा सिंह, राखी सिंह, मनीषा वर्मा सहित लगभग 50 कलाकार असम में छत्तीसगढ़वासियों को रिझायेंगे।
कार्यक्रम भले ही चुनावी हो किन्तु वहां असम में डेढ़ लाख की आबादी में छत्तीसगढ़वासियों का होना लोक कलाकारों के साथ सिनमा के लिये भी प्रसन्नता का विषय है। जिस प्रकार नागपुर, झारखंड व उडि़सा में छत्तीसगढ़ी फिल्म रिलीज होती है वैसी ही असम में भी संभावनाएं है।
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