प्रेम सर ने कहा तू ही करेगी लोरिक चंदा में लीड रोल: कुन्ती मढ़रिया
- फिल्म का नाम - लोरिक चंदा
- प्रोडक्शन कंपनी - रूपांकन फिल्म
- निर्माता व निर्देशक - प्रेम चंद्राकर
- गीत - प्रेम चंद्राकर, पीसीलाल यादव, पारंपरिक
- संगीत - प्रेम चंद्राकर
- कहानी एवं संवाद - प्रेम साइमन
- पार्श्व गायन - पद्मश्री ममता चंद्राकर, पूर्वी चंद्राकर, प्रेम चंद्राकर, योगिता मढ़रिया, सुनील सोनी, पी.टी. उल्हास
- कलाकार - गुलशन साहू, कुंती मढ़रिया, संजय बत्रा, चिमन साहू, कन्हैया साहू, जितेन्द्र साहू, आकाश सोनी, योगिता मढ़रिया, जागेश्वरी मेश्राम और डॉ. अजय सहाय।
- भाषा - छत्तीसगढ़ी
- रिलीज - 29 नवंबर 2019
फिल्म लोरिक चंदा पोस्टर |
फीचर डेस्क रायपुर। रूपांकन फिल्म के बैनर तले निर्मित छत्तीसगढ़ी फिल्म लोरिक चंदा 29 नवंबर से रिलीज होने जा रही है। यह फिल्म छत्तीसगढ़ के लोकनाट्य की एक विधा चंदैनी में गाये जाने वाली प्रेमगाथा पर आधारित है। लोरिक एक अहिर समाज का वीर और पराक्रमी युवा है जो गाय चराने का काम करता है वहीं चंदा राजा माहर की बेटी है। लोरिक और राजकुमारी चंदा के प्रेम को कई लोकमंच व चंदैनी के कलाकार गाथा के रूप में सुनाते है। जिसे अंचल के मशहूर फिल्म मेकर प्रेम चंद्राकर फीचर फिल्म के रूप में प्रस्तुत कर रहे है। अब इसे बड़े पर्दे पर देखना छत्तीसगढ़ के दर्शकों के साथ लोक कलाकारों के लिये भी गर्व का पल होगा।
फिल्म लोरिक चंदा में राजकुमारी चंदा का किरदार करने वाली नायिका कुन्ती मढ़रिया पहली बार कैमरे के सामने आ रही है। वैसे कुन्ती मढ़रिया लोकमंच की कलाकार है और पिछले गई वर्षों से स्वर कोकिला पद्मश्री ममता चंद्राकर की सांस्कृतिक संस्था 'चिन्हारी' से जुड़ी है। कुन्ती अभिनय के साथ-साथ नृत्य भी करती है। कुन्ती की मंचीय प्रस्तुति तो चिन्हारी के माध्यम से देख ही चुके है अब फिल्म में उनकी अदाकारी देखना है। प्रेम चंद्राकर कृत यह फिल्म 29 नवंबर को छत्तीसगढ़ के तमाम बड़े शहरों के सिनेमाघरों में एक साथ प्रदर्शित होने वाली है। कुन्ती मढ़रिया बताती है कि उनके लिये पहली बार कैमरा फेस करना बहुत ही मुश्किल भरा काम था पर नामुकिन नहीं। प्रेम चंदाकर जी ने हमेशा उनका हौसला बढ़ाया और पूरी टीम का भी भरपूर सहयोग रहा। आगे कहती है कि प्रेम सर ने अचानक ही मुझे कहा- कुन्ती तुम्हे ही फिल्म में लीड रोल करना है, तूम कर सकती हो। कुन्ती को इस तरह से मिला राजकुमारी चंदा का किरदार की सोचने समझने और ना करने की कोई गुंजाइस नहीं थी क्योकि कला जगत में आज कुन्ती मढ़रिया का जो मुकाम है वह प्रेम चंद्राकर और ममता चंद्राकर की संस्था चिन्हारी के बदौलत है।
जागेश्वरी मेश्राम, कुन्ती मढ़रिया, योगिता मढ़रिया |
कुन्ती मढ़रिया के विषय एक और खास बात सोशल मीडिया में इन दिनों सुखिर्यो में है कि इस फिल्म में तीनों बहन एक साथ नजर आने वाले है। जी हां जागेश्वेरी मेश्राम, योगिता मढ़रिया और कुन्ती मढ़रिया सगी बहने है और तीने जबरदस्त कलाकार। जागेश्वरी मेश्राम जो कि इन दिनों फिल्म और वीडियों एलबम में व्यस्त है, लोमकंच की कलाकार है। एक बहन योगिता मढ़रिया गायिका है। लोरिक चंदा में योगिता मढ़रिया के मधुर के गीत के अलावा नृत्य और अदाकारी भी देखने को मिल सकता है। बहरहाल तीने लोकमंच की कलाकार है तो प्रस्तुति शानदार ही होगी।
फिल्म में तीनों बहनों के अलावा गुलशन साहू, संजय बत्रा, चिमन साहू, कन्हैया, साहू, जितेन्द्र साहू, आकाश सोनी और डॉ. अजय सहाय की भी अहम भूमिका है। साथ ही इस फिल्म में स्वर कोकिला पद्मश्री ममता चंद्राकर जी के स्वर में कई कर्णप्रिय प्रेम गीत सुनने को मिलेगा साथ ही उनकी सुपूत्री पूर्वी चंद्राकर ने भी अपने पिता प्रेम चंद्राकर के गीत को स्वर दिये है। फिल्म का आधिकारिक ट्रेलर इन दिनों सोशल मीडिया में खूब धमाल मचा रहा है। एक गीत लड़भसरी ये रे तोला चाबे बांबी मछरी तो अब टिकटांक पर भी वयरल होने लगा है, इस गीत को स्वयं प्रेम दाउ ने स्वर दिये है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
सारगर्भित प्रतिक्रिया देने के लिए आपको सादर धन्यवाद...