जिनकी जितनी बड़ी व्यक्तित्व होती उनकी करतूत भी उतनी ही बड़ी होती है: तनुश्री दत्ता
भारतीय फिल्म अभिनेत्री तनुश्री दत्ती जी एक बार फिर 10 साल पुरानी घटना को लेकर सुर्खियों में है। नाना पाठेकर और एमएनएस पर वो मीडिया के सामने खूल कर बोल रही है। कुछ कलाकार उनके पक्ष के सामने आ रहे है तो कुछ पब्लिसिटी स्टंट कह रहे है। बात उन दिनों की है जब बालीबूड की फिल्म हॉर्न ओके प्लीज की शूटिंग चल रही थी। गाने में डांस सीन के दौरान नाना पाठेकर ने उनके साथ बदतमीजी की जिसका विरोध करने पर निर्माता और निर्देशक भी नाना के पक्ष में बात करने लगे।
एक मीडिया चैनल को दिये साक्षात्कार में तनुश्री दत्ता ने कहा कि 10 साल बात फिर क्यों से बातें हो रही है वो इसलिये कि आज भी फिल्म जगत में लड़कियों के साथ अच्छा बर्ताव नहीं हो रहा है। उनका कहना नहीं मानने पर किसी न किसी बहाने परेशान किया जाता है। जैसे मुझे परेशान किया गया, मैं सब जगह आवाज उठाई पर कहीं से साकारात्मक परिणाम नहीं आने के कारण मैं विदेश चली गई थी। जब भारत लौटी तो मीडिया के सामने अपनी बात रखी 10 साल पुरानी बात जरूर है पर आज भी कुछ बदला नहीं है। इंडस्ट्री में लड़कियों की वही दशा है।
तनुश्री दत्ता कहती है इंडस्ट्री में कई ऐसे कलाकार है जो बोल्ड सीन को एक मर्यादा तक करते है, कभी-कभी तो हीरो खुद ही मना कर देता है। हां कुछ कलाकार बोल्ड सीन देते है, छोटे कपड़े पहनते है तो क्या वो इसके लिए खुद ही जिम्मेदार है। सिनेमा में सब कुछ कलाकारों की मर्जी से नहीं होता है। और जो उनकी बात नहीं मानते है उन्हे परेशान किया जाता है।
तनुश्री दत्ता की फिल्मी कैरियर की बात करे जो मॉडलिंग से सिनेमा में आई है झारखंड के जमशेदपुर से फैमिना मिस इंडिया और मिस यूनीवर्स की मंच तक पहुंची अपनी हुनर के दम पर। उनकी पहली फिल्म आई 2005 में चॉकलेट और आशिक बनाया आपने। भागम-भाग, धूल, रिस्क, बेड बॉय गुड बॉय, स्पीड, सास बहु और सेंसेक्स, रॉक और अपार्टमेंट जैसे फिल्म करने के बाद से वो सिनेमा से कुछ वर्ष तक दूर रही है।
घटना में नाना पाठेकर का नाम आया है इसलिये कुछ लोग ये कह रहे है कि पब्लिसिटी स्टंट है। ये इसलिये कि उनका कद बड़ा है असल में जिनका व्यक्तित्व जितना बड़ा होता है उनकी करतूत भी उतनी ही बड़ी होती है। जो लोग परिस्थिति से गुजरे है उन्हे बखूबी अहसास होगा। यहां लड़कियां सुरक्षति नहीं, मन मार कर काम कर रहे है। चूकि इंडस्ट्री में रहना है, नहीं करेंगे तो इंडस्ट्री से बाहर।
इस घटना से उपजे दस सवाल-:
1. क्या वाकई सिनेमा में लड़कियों को परेशान किया जाता है ?
2. लड़कियां शोषित होकर काम कर रही है ?
3. छोटे कपड़े पहनने को मजबूर किया जाता है ?
4. निर्माता-निर्देशक बोल्ड सीन करवाते है ?
5. क्या पुरूष कलाकार मौके का फायदा उठाकर बेड टच करते है ?
6. क्या इंस्डट्री की मजबूरी है बोल्ड सीन देना ?
8. सभी हिरोइन इस परिस्थती से गुजर चुके है ?
9. क्या फिल्मों के बोल्ड सीन हिरोइनों की मर्जी से नहीं होती ?
10. फिल्म इंस्डट्री को आखिर इतनी छूट किसने दे रखी है, कानून क्यो नहीं सुनता है महिला कलाकारों की ?
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