मोंगरा के मया राजा रे... मोंगरा विश्वकर्मा की आवाज का छा रहा है जादू |
सिनेमा। छत्तीसगढ़ में इन दिनों गीत से ज्यादा संगीत की खुमारी देखी जा रही है। गीत में शब्द भले ही सार्थक न हो लेकिन संगीत धमाकेदार रहे तो रातों-रात सुपरहिट हो जाता है। मोंगरा के मया राजा रे गीत भी कुछ ऐसे ही लोकप्रियता पा रहा है। कहां पाबे कहां पाबे रे, मोंगरा के मया राजा रे... डीजे और रिमेक के साथ आज कार्यक्रमों की पहली पसंद है। सोशल मीडिया में 'मोंगरा के मया राजा रे' का जितना भी गाना अपलोड हुआ है सभी को काफी व्यू्ज मिला है। डीजे और रिमेक को और भी ज्यादा पसंद किया जा रहा है।
कोरबा अचंल की लोक गायिका मोंगरा विश्वकर्मा की आवाज का जादू उनके नाम के ही अनुरूप पूरे प्रदेश में महक रहा है। मोंगरा विश्वकर्मा की आवाज में मोंगरा के मया राजा रे गीत की लोकप्रियता देखकर यह भी कहा जा सकता है कि मोंगरा की महक संगीत की दुनिया में दूर तलक बिखरेगी। कहते है कि गायिका मोंगरा विश्वकर्मा कोरबा अंचल की नवोदित सितारा है। आंचलिक मंचीय कार्यक्रमों के उनके नाम से भीड़ जुटती है, और कहां पाबे कहां पाबे के साथ ही चिन्हा मांगे मुंदरी के, महुआ झोर बरोबर, मोहि डारे तय रे दिवाना, चड़ती जवानी मोर, मोला मया होगे रानी, डोंगरी पहरी म ओ..., जैसे मदमस्त गीत युवाओं को खूब भाता है।
मोंगरा विश्वकर्मा रामायण में भी अपनी आवाज का जादू बिखेरती हैं, मंडली में एक अहम गायिका के तौर पर भगवान रामचंद्र की महिमा का गान करती हैं। स्टार नाईट और रामायण पाठ दोनों अलग-अलग है लेकिन कलाकार के लिये संगीत से बड़ी कोई साधना नहीं, जहां रम जाये दर्शक- मयाराम हो राममया।
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