सिनेमा। सिने जगत में सबसे खास..., मस्ती और उमंग का पर्व होली इस बार फिका-फिका ही रहेगा। न रंग, न भंग... और न ही कोई आयोजन..., क्योंकि इस बार होली में फिर कोरोना का संक्रमण बढ़ने लगा है। सिनेमा की दुनिया अजब रंगीन है, यहां हर रंग कल्पना और हकीकत दोनों ही रूपों में होता है। खुशी का महौल हो चाहे गम की परछाई हर वक्त साथ निभाता है सिनेमा। लेकिन जब कोरोना महामारी का कहर बरपा तो सबसे ज्यादा सिनेमा ने ही दुख झेला। सिनेमाघर, शूटिंग, कार्यक्रम सब कुछ बंद कर कलाकारों को घर में बंद होना पड़ा।
समय के साथ सब कुछ ठीक होने की आस में जब एक बार फिर सिनेमा पटरी पर लौटने लगी तो महामारी ने फिर अपना प्रकोप दिखा दिया। देश के कई राज्यों ने लाकडॉउन कर दिये, अनेक शहरो में धारा 144 लागू है। ऐसी स्थिति में कहीं कोई कार्यक्रम नहीं किया जा सकता। जान है तो जहान है, कार्यक्रम करना भी नहीं चाहिए। लेकिन उनका क्या होगा जिनकी कार्यक्रमों के भरोसे रोजी रोटी चलती है? सवाल बहुत गंभीर है लेकिन जब जान की बात आती है तो जवाब भी मिल ही जाता है।
कुछ दिन पहले तक सब कुछ सामान्य स्थिति में चल रहा था छॉलीवुड में अनेक फिल्मों की शूटिंग चल रही थी। इस बीच होली मनाने के लिए कई कलाकारों के साथ इवेंट टीम भी आयोजनों की तैयारी में लगे थे। कुछ के तो तारीख और समय भी निर्धारित हो चुका था कि कोरोना ने फिर रोक लगा दी। भला हुआ कि कुछ कलाकारों का होली गीत पहले ही आ चुका था सोशल मीडिया में, नहीं तो नई-नई होली गीत भी नहीं सून पाते।
वर्षों से छत्तीसगढ़ के सिने कलाकारों को एक जुट करके होली मिलन रखने वाली कई संस्थाओं में सबसे बड़ी छत्तीसगढ़ी फिल्म सिने कलाकार संस्था योगेश अग्रवाल की अगुवाई में संस्कृति विभाग में बड़ा जलसा का आयोजन करते थे जहां प्रदेश भरके सैकड़ों कलाकार साथ-साथ होली की मस्ती में डूबकर त्योहारों की खुशियां बाटते थे। ऐसे और भी कई संस्थानों के अलावा बड़ी-बड़ी प्रोडक्शना कंपनी भी अपनी टीम के साथ होली मनाने जुटते थे।
सिने सितारों की होली में कलाकारों के अलावा उनके फैंस भी सिलेब्रिटी कलाकारों की होली देखने और मिलने आते थे लेकिन इस बार ऐसा कुछ भी नहीं होने वाला है। कोरोना महामारी के कारण सभी कार्यक्रम स्थगित हो चुका है। कलाकारों की टीम जो शहर से बाहर थी वह भी अब लौट चुकी है। ज्यादातर कलाकारों को कहना है कि इस बार की होली अपने घर परिवार और कुछ खास दोस्तों के साथ होगी।
छॉलीवुड की खास है होली में-
होली के पूर्व ही छॉलीवुड के लिए गर्व करने वाला समाचार मनोज वर्मा की ओर से आया उनके द्वारा बनाई गई फिल्म ‘भूलन द मेज’ को सर्वश्रेष्ठ क्षेत्रिय सिनेमा का राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हुआ। उल्लेंखनीय है कि यह फिल्म संजीव बक्शी की ‘भूलन कांदा’ उपन्यास पर आधारित है। साथ ही सतीश जैन ने चल हट कोनो देख लिही, मोहित कुमार साहू ने घर परिवार, अनुपम भार्गव ने शक्ति, उदय किरण ने कुरूक्षेत्र, और ऐसे कई निर्माताओं ने अपने प्राजेक्ट पर काम कर महामारी से आर्थिक रूप से कमजोर हो चुके कलाकारों को पुन: काम पर लौटने का अवसर दिया। साथ ही कई होली गीतों की डबिग, रिकॉर्डिग और शूटिंग के बाद सोशल मीडिया में लॉचिंग से कुछ कलाकारों को आर्थिक रूप से राहत मिली थी। ....इत्ती सी खुशी ही काफी है तंगी और बदहाली की जीवन से उबरने के लिये। बहरहाल यह बुरा दौर भी बीतेगा। अच्छे दिन की आस में सभी को होली की हार्दिक बधाई...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
सारगर्भित प्रतिक्रिया देने के लिए आपको सादर धन्यवाद...