छत्तीसगढ़ी अस्मिता का गोहार फिल्म ‘जोहार छत्तीसगढ़’

स्थानीय बनाम बाहरी को लेकर बनाई गई फिल्म ‘जोहार छत्तीसगढ़’ 31 जनवरी से प्रदर्शित


छत्तीसगढ़ी फिल्म जोहार छत्तीसगढ़

  • फिल्म का नाम - जोहार छत्तीसगढ़
  • प्रोडक्शन - आर.जे. इंटरटेनमेंट वर्ड
  • निर्माता - राज साहू
  • निर्देशक/लेखक - देवेंद्र जांगड़े
  • कलाकार - देवेंद्र जांगड़े, शिखा चितांबरे, राज साहू, सोनाली सहारे, अनिल शर्मा, पुष्पेन्द्र सिंह, निशांत उपाध्याय, क्रांति दीक्षित, हेमलाल कौशल, सलिम अंसारी, उपासना वैष्णव, विक्रम राज आदि।
  • छायांकन - लक्ष्मण यादव
  • संगीत - सूरज महानंद
  • पार्श्व स्वर - सुनील सोनी, अनुराग शर्मा, अलका चंद्राकर, चंपा निषाद
  • कोरियोग्राफर - निशांत उपाध्याय, एन.टी.आर. मास्टर
  • एक्शन - बी. श्रीकांत
  • रीलिज - 31 जनवरी 2020
  • भाषा - छत्तीसगढ़ी



छत्तीसगढ़ी फिल्म जोहार छत्तीसगढ़


फीचर डेस्क रायपुर। आर.जे. इंटरटेनमेंट वर्ड के बैनर तले निर्मित छत्तीसगढ़ी फिल्म जोहार छत्तीसगढ़ 31 जनवरी को रीलिज होने जा रही है। छत्तीसगढ़ी अस्मिता और संस्कृति को लेकर बनाई गई इस फिल्म के निर्माता है राज साहू तथा निर्देशन किया है देवेन्द्र जांगड़े ने। फिल्म जोहार छत्तीसगढ़ के विषय में कहा जा रहा है कि यह फिल्म छत्तीसगढ़ियों को जगाने के लिये एक प्रयोगात्मक मूवी है जिसमें स्थानीय युवा बाहरी लोगों के खिलाफ आवाज बुलंद करता है। जिस तरह से देखा जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में स्थानीय लोगों की उपेक्षा हो रही है और बाहरी व्यक्ति राज कर रहे है। राजनीति में भी वही व्यक्ति उच्च पद पर है जो अन्य राज्यों से यहां आ कर बसे है। छत्तीसगढ़ के लोग उनकी चाकरी करते है। ऐसी ही दशा नौकरी में भी है बाहरी व्यक्तियों के लिये छत्तीसगढ़ में अच्छी नीति नहीं होने के कारण वे छत्तीसगढ़ियों का हक मारकर बैठे है।



छत्तीसगढ़ी फिल्म जोहार छत्तीसगढ़

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फिल्म जोहार छत्तीसगढ़ की कहानी फिल्म के युवा निर्देशक व अभिनेता देवेन्द्र जांगड़े की परिकल्पना है जिसे वर्तमान छत्तीसगढ़ को देखकर गढ़ी गई है। सोशल मीडिया में रीलिज ट्रेलर से फिल्म की कहानी का अंदाजा लगाये तो जोहार छत्तीसगढ़ की स्टोरी शुरू होती है शंकर पांडे यानी पुष्पेन्द्र सिंह के आतंक से। खुले आम गुंडागर्दी कर छत्तीसगढ़ियों को परेशान करने वाले गुंडों को बाहर से नेताओं को संरक्षण रहता है। अनिल शर्मा एक कद्दावर नेता के किरदार में जिसकी बेटी का किरदार शिखा चितांबरे ने निभाया है। फिल्म की नायिका शिखा चितांबरे नायक देवेन्द्र जांगड़े के साहस और पराक्रम पर मोहित हो जाती है।




फिल्म का दूसरा नायक राज साहू को छत्तीसगढ़ी भाषा के लिये लड़ते हुये दिखाया गया है। भाषा को लेकर कॉलेज में क्रांति दीक्षित से पंगा होता है। राज साहू के साथ सोनाली सहारे भी उसी कॉलेज में है, बाद में दोनो एक दूजे को चाहने लगते है। दोनो नायकों की लड़ाई स्थानीय बनाम बाहरी को लेकर होती है। छत्तीसगढ़ियों की हक के लिये वे हमेशा लड़ने मरने को तैयार रहते थे। और आगे वे एक षडयंत्र के तहत गिरफ्तार कर लिये जाते है। वीर सपूतों की मां उपासना वैष्णव भी अपने बेटे पर फक्र करती है कि उनकी औलाद छत्तीसगढ़ी, छत्तीसगढ़िया और छत्तीसगढ़ की अस्मिता के लिये लड़ रहे हैं। फिल्म में बेहतरीन संवाद और गीत हैं जो दर्शकों को सिनेमाघरों तक आने में मजबूर करेंगे। चूकि फिल्म की कहानी छत्तीसगढ़ियों की हक और अधिकार को लेकर है तो एक्शन और मारधाड़ भी होगा। देवेन्द्र जांगड़े और राज साहू को गजब का एक्शन करते हुये दिखाया गया है। बहरहाल बेहतरीन कहानी-पटकथा-संवाद और गीत इस फिल्म को सफलता के शिखर तक ले जायेगा ऐसी उम्मीद है जोहार छत्तीसगढ़।




छत्तीसगढ़ी फिल्म जोहार छत्तीसगढ़

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