सिनेमा। कोराना काल में अटकी फिल्मों की पुन: शुटिंग शुरू हो चुकी हैं। गजेन्द्र श्रीवास्तव प्रोडक्शन के बैनर में मनीष मानिकपुरी के निर्देशन में बन रही छत्तीसगढ़ी फिल्म ‘मार डारे मया म’ के ड्रामा तो कंप्लीट है लेकिन गाना अधुरा था। जिसे अब लंबे अंतराल बाद पूरा किया जा रहा है। सूत्रों से प्राप्त सूचना के आधार पर अनुज शर्मा के साथ उडि़सा की अभिनेत्री लिप्सा मिश्रा छॉलीवुड के बड़े कोरियोग्राफर निशांत उपाध्याय के निर्देशन में प्रदेश के खूबसूरत लोकेशन में शूटिंग में व्यस्त है। छॉलीवुड के सुपरस्टार पद्मश्री अनुज शर्मा ने भी इस बात की जानकारी साझा करते हुए सोशल मीडिया में फोटो शेयर की है। जिसमें वे लिप्सा के साथ निशांत के निर्देशन में नृत्य करते दिख रहे है। साथ ही अनुज के फिल्मा की शूटिंग देखने उनके परिजनों में मां, पत्नी और दोनो बेटिया भी स्पाट में दिखाई दे रही है।
ओडिशा की लिप्सा मिश्रा अब 'मार डारे मया म' से छॉलीवुड में डेब्यू करेंगी
छत्तीसगढ़ी सिनेमा में नायिकाओं की अक्सर नई-नई चेहरे नजर आते हैं। कभी माया नगरी मुंबई से तो कभी साउथ व बांग्ला सिनेमा से नायिका छॉलीवुड बुलाई जाती हैं। हाल ही में मनीष मानिकपुरी के निर्देशन में बन रही गजेन्द्र श्रीवास्तव की फिल्म 'मार डारे मया म' में ओडिशा की सफल अभिनेत्री लिप्सा मिश्रा नजर आने वाली हैं। यह छत्तीसगढ़ी में उनकी शायद पहली मूवी है, लिप्सा मिश्रा उड़िया भाषा की अनेक वीडियो एलबम व फीचर फिल्मों में दमदार अदाकारी का जलवा दिखा चुकी हैं।
वेब सोर्स से प्राप्त जानकारी के अनुसार लिप्सा मिश्रा का जन्म ओडिशा के पुरी शहर में 15 जुलाई 1992 को हुआ था। उन्होने उत्कल संगीत महाविद्यालय और बीजेपी महाविद्यालय से उच्च शिक्षा के साथ ओडिसी नृत्य भी सीखा। उड़िया सिनेमा के छोटे पर्दे पर उनका आगमन टीवी शो के माध्यम से हुआ था। बड़े पर्दे पर 2015 में उनकी पहली फिल्म रीलिज हुई माया जिसमें उनके साथ अनु चौधरी और सुनील कुमार भी थे।
उड़िया टेली सीरीज 'किच्ची लुहा पाई जाए ओथा' में खुशी के किरदार और 'तोह अगनारा तुलसी मु' के तुलसी किरदार से उन्होने खूब लोकप्रियता हासिल की। बहुमुखी प्रतिभा की धनी लिप्सा मिश्रा बहुत ही कम समय में उड़िया सिनेमा में बहुत बड़ा मुकाम पाने वाली कलाकारों में से एक हैं। लिप्सा मिश्रा न केवल अभिनय करती हैं बल्कि नृत्य, गायन के साथ ही लेखन और निर्देशन में भी दखल रखती हैं। कला और कलाकारों के लिये क्षेत्रीयता कोई बाधा नहीं है, छत्तीसगढ़ से भी कई कलाकार मुंबई के साथ-साथ भोजपुरी और उड़िया में भाग्य आजमा रहे हैं।
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